natwarlal siwan

Natwarlal Urf Mithilesh Kumar Shriwastava Biography :





इस विश्व में हर प्रकार करामात हो सकती है जिसके बारे में कभी हम सोच भी नहीं सकते। आप लोगों को एक मुहावरा तो पता ही होगा “आँखों से काजल चुराना“। लेकिन ऐसा आपने किसी को करते हुए  नहीं देखा होगा। लेकिन एक ऐसा शख्स भी था जिसके लिए ये भी सच कर दिया था जिसमे की एक गज़ब का हुनर था। जिसे शायद अगर वो सही दिशा में काम किया होता तो आज इस दुनिया में उसका कुछ और ही मुकाम होता। उस शख्स का नाम था “नटवर लाल“ उर्फ “मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव”।

नटवर लाल का जन्म बिहार के सीवान जिले के जीरादेई गांव से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बंगरा गांव में हुआ था। । वैसे तो इनका नाम मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव था परन्तु ठगी की घटना को नटवर लाल के नाम से ज्यादा अंजाम देने के कारण ये इस नाम से मशहूर हो गए। ये सिलसिला यहीं नहीं रुका। नटवर लाल एक ऐसा मुहावरा बन गया कि अगर आ कोई ठगी की कोशिश या मजाक करे तो उसे लोग उसकी तुलना नटवर लाल से करने लगते हैं। नटवर लाल ने ये सब शुरू कैसे किया और उसके बाद क्या-क्या किया आइये पढ़ते हैं।

नटवरलाल – वो शख्स जिसने 3 बार ताजमहल, 2 बार लाल किला और 1 बार राष्ट्रपति भवन बेच दिया!




मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव उर्फ नटवरलाल’ हिन्दुस्तान के इतिहास का सबसे बड़ा ठग जिसने 3 बार ताजमहल, 2 बार लाल किला और एक बार राष्ट्रपति भवन बेचकर बेच दिया और किसी को भनक तक नहीं लगी। लेकिन जब पकड़ा गया तो पुलिस वालों से कहा – ‘मैंने किसी को भी पैसों के लिए डराया-धमकाया नहीं, लोग ने हाथ जोड़कर खुद मुझे पैसे दिए’ | नटवरलाल एक ऐसा ठग था जिसने वेश्याओं के भी पैसे और गहने लूटे।

लेकिन देश में तहलका मचा जब सारे सबूत कानून के सामने आये। मजेदार बात ये है कि नटवरलाल ने वकालत करने के बाद ठगी का रास्ता चुना। वह इतना बड़ा ठग था कि 8 राज्यों में 100 से ज्यादा मामलों में पुलिस उसे ढूंढ रही थी। 8 बार वो देश की अलग-अलग जेलों से फरार हुआ। जिसने ठगी के लिए राजीव गांधी से लेकर राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद तक के नाम का इस्तेमाल किया।

यहां तक कि उसने तत्कालिन राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के फर्जी हस्ताक्षर के जरिए भी कई ठगी की थी। कहा तो ये भी जाता है कि उसने धीरूभाई अम्बानी, टाटा और बिरला से भी करोड़ो की ठगी की थी।

तीन दशकों तक छाया रहा नटवरलाल का खौफ :

70, 80 और 90 के दशकों यानि पूरे 30 साल तक इस शख्स ने देश के हर छोटे बड़े आदमी को ठगा। कानून भले ही नटवर को अपराध मानता हो, लेकिन वह खुद को एक समाजसेवक मानता था। नटवरलाल के नाम पर मुहावरे बने। नटवरलाल ने एक बार पुलिस वालों से कहा था कि, वह लोगों से सिर्फ झूठ बोलता है और वो उसे पैसे दे देते हैं, इसमें मेरा क्या कसूर है। नटवरलाल ने तो यहां तक कहा था कि अगर सरकार कहे तो वह ठगी से भारत का सारा विदेशी कर्ज उतार सकता है।

नटवरलाल को हुई थी 113 साल की सजा:

मिथिलेश कुमार के खिलाफ 8 राज्यों में 100 से अधिक मामले दर्ज थे, जिसके बाद उसे किसी तरह पकड़ा गया और 113 साल की सजा दी गई। वह अपने जीवनकाल में कुल 9 बार गिरफ्तार हुआ, लेकिन हर बार वह देश की अलग-अलग जेलों से भाग निकला। पुलिस ने जब उसे आखिरी बार पकड़ा तब उसकी उम्र 84 साल थी। सेहत खराब होने कि वजह से उसे 24 जून 1996 को कानपुर जेल से एम्स अस्पताल लाया जा रहा था, लेकिन वह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पुलिस टीम को चकमा देकर वह भाग निकला और इसके बाद उसका पता नहीं चला।




नटवर लाल को अपने किये पर कोई पछतावा नहीं था। उसके अनुसार वह बहाने से पैसे मांगता था और लोग उसे दे देते थे।

एक बार एक जज ने नटवर लाल से पुछा कि ऐसा कैसे संभव हो सकता है तो उसने कहा साहब मैं अपनी बातों से किसी से भी अपना मनचाहा काम करवा सकता हूँ। आप मुझसे 10 मिनट बात कर लें बस उसके बाद आप खुद मुझे बाइज्जत बरी कर देंगे।

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