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रिपोर्ट-अंकित कुमार सिंह

सीवान. जिले के 232 प्राथमिक और मध्य विद्यालय में पोषण वाटिका तैयार किया जाएगा. नये सत्र में इन स्कूलों में पोषण वाटिका तैयार करने का काम शुरू हो जाएगा. इस वाटिका में उपजने वाली सब्जियां, फल आदि का इस्तेमाल मध्याह्न भोजन में किया जायेगा और बच्चों की थाली में परोसा जाएगा. पौष्टिक युक्त भोजन मिलने से बच्चों का स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा और मानसिक और शारीरिक रूप से भी तंदरुस्त रहेंगे. मध्याह्न भोजन योजना निदेशालय द्वारा स्कूलों की सूची तैयार कर ली गई है. बता दें कि बच्चों को खाने में पोषणयुक्त पदार्थ मिले, इसके लिए पोषण वाटिका की शुरुआत की गयी है. जिन स्कूलों में पोषण वाटिका है, वहां बच्चों को मौसमी फल और सब्जियों के अलावा औषधीय पदार्थ भी खाने में दिए जाते हैं. इससे बच्चों को शारीरिक और मानसिक विकास में मदद मिलती है. साथ ही पोषण वाटिका से बच्चे खेती करने की विधि से भी अवगत होंगे.
पोषण वाटिका तैयार करने के लिए सालाना दिया जाता था पांच हजार

दरअसल, पहले स्कूलों को पोषण वाटिका तैयार करने के लिए सालाना पांच हजार रुपये दिए जाते थे. लेकिन पिछले कई वर्षो से किसी तरह का फंड नहीं मिला है. इसके बावजूद जिले के कई स्कूलों ने खुद के खर्चे से पोषण वाटिका तैयार किया है. पोषण वाटिका के रखरखाव और जरूरत के सामानों का इंतजाम भी स्कूलों द्वारा खुद ही किया जाता है. जानकारी के अनुसार जिले के आधा दर्जन ऐसे विद्यालय हैं, जहां वाटिका तो तैयार कर दी गई है. हालांकि आज तक उसका पैसा विद्यालयों को नहीं मिला. पहले यूनिसेफ द्वारा पोषण वाटिका तैयार करने के लिए फंड दिया जाता है.

पोषण वाटिका में शिक्षकों की भी अहम भूमिका

सीवान जिले के आदर्श राजकीय माध्यमिक विद्यालय जीरादेई के कैंपस में पायलट प्रोजेक्ट के तहत पोषण वाटिका 2 वर्ष पहले बनायी गई. जिसे जिले के पदाधिकारियों ने अपने हाथों से उद्घाटन किया था. विद्यालय के प्रधानाचार्य बाल कुंवर साह बताते हैं कि पोषण वाटिका में शिक्षकों की भी अहम भूमिका है. सुसज्जित तरीके से ऑर्गेनिक खेती करने में शिक्षक अहम भूमिका निभा सकते हैं. इससे निकलने वाले सब्जियों को मध्याह्न भोजन के माध्यम से पका कर बच्चों को उपलब्ध कराया जाएगा. इसके अलावा बच्चों में खेती करने की लगन होगी तथा विधि भी सीखेंगे.

Tags: Bihar News, Siwan news

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