वायरल बुखार , Viral Fever





ऐसे हम देखते है की वायरल बुखार का बहुत उपाचार है लेकिन इनमे कुछ सरल उपचार ज्यादा उपयोगी होते है जो इस पोस्ट में है| वायरल बुखार बच्चों व बड़ों को समान रूप से प्रभावित करता है। वायरल में संक्रमण की स्थिति कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक रह सकती है। वायरल में कई लोग खाना-पीना छोड़ देते हैं। लेकिन खाना छोडऩे से बीमारी और बढ सकती है। इसलिए जहा तक संभव हो वायरल में खूब खाना खाएं और डिहाइडेशन से बचने के लिए खूब पानी पिएं।

वायरल बुखार , Viral Fever

वायरल फीवर के लक्षण और घरेलू उपचार:

  1. 5 ग्राम दालचिनी तथा 2 लौंग और एक छोटा चमच सौंठ का पाउडर 1 लिटर पानी मे उबाले जब यह 250 मिली शेष रह जाए तब इसे छानकर दिन मे ३ बार पीने से वायरल बूखार मे आराम मिलता है।
  2. घर घर में पूजी जाने वाली तुलसी एंटी बायोटिक और एंटी बैक्टीरियल गुणों से युक्त है, इसीलिए यह आपको संक्रमण और वायरल फीवर से बचाने में सहायक है। इसीलिए रोज़ाना तुलसी की पत्तियां खाए।
  3. तुलसी का काढ़ा बनाकर सेवन करें। चाय बनाते समय तुलसी की पत्ती और कालीमिर्च डालकर चाय का सेवन करें। इन उपाय को करने से वायरल बुखार से बचा जा सकता है।



  4. मेथी वायरल फीवर के लिए एक रामबाण दवा है। 1/2 चम्मच मेथी के दाने में कुछ बूंद नींबू के रस और 1/2 चम्मच शहद मिलाकर सेवन करने से वायरल फीवर से कुछ हद तक राहत मिलती है।
  5. वायरल फीवर के असर को कम करने के लिए नींबू के रस में शहद मिलाकर रोगी को सेवन कराए। यह एक बेस्ट घरेलू उपाय है और यह सामग्री हर घर में आसानी से उपलब्ध भी रहती है।

वायरल बुखार में क्या-क्या खाएं :
मौसमी संतरा व नीबूं खाएं जिसमें विटामिन-सी और बीटा कैरोटींस होता है जिससे रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढती है। वायरल फीवर होने पर डाई फूड खूब खाना चाहिए। डाई फूड में जिंक भरपूर मात्रा में पाया जाता है। लहसुन में कैल्सियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस और खनिज तत्व पाए जाते हैं। इससे सर्दी, जुकाम, दर्द, सूजन और त्वचा से संबंधित बीमारिया नहीं होती हैं। लहसुन घी या तेल में तलकर चटनी के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है। खूब पानी पियें। इससे डिहाइडेशन के अलावा शरीर पर हमला करने वाले माईक्रों ओर्गेनिज्म को बाहर निकालने में मदद मिलती है।